नई दिल्ली। गर्मियों में बिजली की मांग बढ़ने की वजह से कोयले की मांग को लेकर कोल इंडिया ने विशेष तैयारियां की हैं। कोयला उत्पादन में बढ़ोतरी और नई तकनीकों जैसे कई विषयों पर कोल इंडिया के चेयरमैन पीएम प्रसाद के साथ विशेष बातचीत।
सवाल- प्रसाद जी, गर्मियां आ गई है और बिजली की मांग काफी बढ़ गई है, ऐसे में कोयले की बढ़ती हुई मांग की पूर्ति कैसे कर रहे हैं?
पीएम प्रसाद- देखिए, इस समय देश में कोयले की कहीं भी कोई कमी नहीं है, सभी थर्मल पावर स्टेशन पर पर्याप्त मात्रा में कोयला उपलब्ध है। जहां भी कोयले की मांग होती है, हम तुरंत कोयला भेज रहे हैं। आने वाले मानसून को लेकर भी हमने तैयारियां शुरु कर दी है। मानसून में भी कोयले की कहीं कमी नहीं होगी।
सवाल- पिछले महीने कोयले की ढुलाई कम रही है, इसका क्या कारण रहा है?
पीएम प्रसाद- इस समय कोयले से चलने वाले पावर प्लांट्स के पास ५५ मिलियन टन कोयले का स्टॉक है, जोकि उनकी जरुरत के लिहाज से काफी बेहतर है। ऐसे में हम मानसून में कोयला सप्लाई पर ध्यान दे रहे हैं, कोयला मंत्री जी ने इस विषय में एक बैठक ली है। जिसमें हमने कोयले को भेजने के उपायों पर चर्चा की है। हम आपको भरोसा दिलाता हूं कि कोयले की किसी भी तरह की कमी नहीं होगी।
सवाल- कोल इंडिया चालू वित्त वर्ष में कितना पूंजीगत व्यय करने जा रही है।
पीएम प्रसाद- पिछले साल हमने १९४०० करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के तौर पर खर्च किए थे, चालू वित्त वर्ष में हम १७ हज़ार करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के तौर पर खर्च करने जा रहे हैं। इसमें अलग अलग सब्सिडियरी कंपनियां भी हैं, इसमें से कितना किसी तरह से खर्च होगा,यह हम तय करेंगे।
सवाल- कोल इंडिया क्रिटिकल माइनिंग क्षेत्र में किस तरह से काम कर रहा है?
पीएम प्रसाद- देखिए, देश में हम दो क्रिटिकल माइन में काम कर रहे हैं, जहां तक विदेशों में इस क्षेत्र में खदान के अधिग्रहण का सवाल है तो हम अभी ऐसा कोई विचार नहीं कर रहे हैं।