नई दिल्ली। हाल ही में चीन के कुछ महत्वपूर्ण खनिजों की सप्लाई रोकने से परेशानी को देखते हुए केंद्र सरकार ने आज 1500 करोड़ रुपये की एक योजना को मंजूरी दी है। जिसके तहत महत्वपूर्ण खनिजों के रिसाइकलिंग और उत्पादन में लगी कंपनियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। अभी तक बहुत सारे कबाड़ी छोटे स्तर पर इन कामों में लगे हुए थे, लिहाजा बहुत सारे महत्वपूर्ण खनिजों का रिसाइकिलिंग प्रोसेस नहीं हो पा रहा था। इस योजना के बाद उम्मीद है कि बड़ी कंपनियां रिसाइकिलिंग के लिए प्लांट लगाएंगी।
यह योजना राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (एनसीएमएम) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य महत्वपूर्ण खनिजों की घरेलू क्षमता को बढ़ाना और सप्लाई चेन को बेहतर करना है। यह योजना वित्त वर्ष 2025-26 से वित्त वर्ष 2030-31 तक छह वर्षों की अवधि के लिए लागू रहेगी। जिसमें फीडस्टॉक ई-कचरा, लिथियम आयन बैटरी (एलआईबी) स्क्रैप, और ई-कचरा और एलआईबी स्क्रैप के अलावा अन्य स्क्रैप जैसे कि वाहनों में कई तरह के कनवर्टर शामिल हैं।
इस योजना में छोटी कंपनियों को 25 करोड़ रुपये और बड़ी कंपनियों को 50 करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी। सरकार को उम्मीद है कि इस प्रोत्साहन से नई ई-वेस्ट कंपनियां स्थापित होंगी और करीब 70 हज़ार लोगों को रोज़गार मिलेगा। इस योजना में बड़ी कंपनियां,पहले से स्थापित रिसाइकलिंग प्लांट, नए रिसाइकलिंग(स्टार्ट-अप सहित) दोनों होंगे, जिनके लिए कुल योजना खर्चे का एक-तिहाई निर्धारित किया गया है। यह योजना नई इकाइयों में निवेश के साथ-साथ मौजूदा इकाइयों की क्षमता विस्तार/आधुनिकीकरण और विविधीकरण पर भी लागू होगी।
