केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि भारत जल्द ही एसी के तापमान के स्टैंडर्डाइजेशन के बारे में एक प्रयोग करेगा, जिसमें एयर कंडीशनर को 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे ठंडा करने या 28 डिग्री सेल्सियस से अधिक गर्म करने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि इससे बिजली की ख़ासी बचत होगी। ख़ास बात यह है कि भारत के मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली में लू चलने और निवासियों के भीषण गर्मी से परेशान होने के मद्देनजर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने बताया कि “एयर कंडीशनिंग मानकों के संबंध में, जल्द ही एक नया प्रावधान लागू किया जा रहा है। एसी के लिए तापमान मानकीकरण 20 डिग्री सेल्सियस से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच सेट किया जाएगा, जिसका अर्थ है कि हम 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे ठंडा या 28 डिग्री सेल्सियस से अधिक गर्म नहीं कर पाएंगे। यह अपनी तरह का पहला प्रयोग है, जिसका उद्देश्य तापमान सेटिंग को मानकीकृत करना है,” खट्टर ने कहा, “यह अपनी तरह का पहला प्रयोग है, जिसका उद्देश्य तापमान सेटिंग को मानकीकृत करना है।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, “हमने तय किया है कि एसी का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तय किया जाएगा, ताकि एयर कंडीशनिंग के इस्तेमाल में एकरूपता लाई जा सके और बेहद कम कूलिंग सेटिंग के कारण होने वाली अत्यधिक बिजली खपत को कम किया जा सके।” एक बार जब ये बदलाव लागू हो जाएंगे, तो पूरे भारत में एयर कंडीशनर की ऑपरेटिंग रेंज सीमित हो जाएगी। वर्तमान में 16 डिग्री सेल्सियस या 18 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा करने वाले एसी नहीं चलेंगे। न्यूनतम कूलिंग सेटिंग 20 डिग्री सेल्सियस और हीटिंग सेटिंग 28 डिग्री सेल्सियस तय की जाएगी। इससे घरों और व्यावसायिक दोनों जगहों पर एयर कंडीशनर के इस्तेमाल पर असर पड़ने की संभावना है, अधिकारी इसके क्रियान्वयन की निगरानी करने और इसके प्रभाव का आकलन करने की योजना बना रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सरकार राष्ट्रीय बिजली ग्रिड पर बोझ कम करने की आवश्यकता पर जोर देती है और जिम्मेदारी से ऊर्जा उपयोग करने का आग्रह करती है। नया नियम एसी के 20 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान के कारण होने वाली बिजली खपत को हल करने पर केंद्रित है।