घरेलू स्तर पर कोयले का उत्पादन (Domastic coal production) बढ़ाने के कारण भारत में कोयला आयात बिते वित्त वर्ष (20024-25) में लगभग 8% कम हुआ है। इसकी वजह से लगभग 64000 करोड रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान 24. 36 करोड़ टन कोयला आयात हुआ है, जबकि इससे पिछले साल 26.45 करोड़ टन कोयला आयात हुआ था। बड़ी बात यह है कि इस दौरान बिजली घरों में कोयले की मांग 3% से ज्यादा बढ़ी है। पिछले कुछ सालों में भारत में बिजली उत्पादन में काफी अच्छी बढ़ोतरी देखी गई है। भारत में घरेलू कोयला उत्पादन काफी बेहतर हुआ है। इसको इस तरह से भी समझा जा सकता है की बिजली उत्पादन के अलावा सीमेंट, स्पंज आयरन प्लांट्स और कैपटिव पावर प्लांट ने भी विदेशी आयातित कोयले पर अपने निर्भरता कम की है। इस दौरान इन सेक्टर ने विदेशी कोयला आयात 9% की कमी की है।
